आज के इस पोस्ट में हम आपके साथ Poem On Children’s Day In Hindi शेयर करने जा रहे है यदि आप अच्छी बाल दिवस पर कविताओं का संग्रह ढूंढ रहे है तो यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी होने वाली है।
इन सभी Children’s Day Poems in Hindi Language को आप अपने स्कूल में, किसी समारोह में सुनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते है यह आपके लिए सहायक एवं उपयोगी होगा।

Children’s Day Poem in Hindi
सबसे पहले आप सभी को बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! बल दिवस चाचा नेहरू के जन्मदिन 14 नवंबर को मनाया जाता है इसके बड़ा कारण यह है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू को बच्चे बहुत पसंद थे और बच्चे भी उन्हें खूब पसंद करते थे एवं उन्हें चाचा नेहरू के नाम से पुकारते थे।
यह बच्चो के लिए बहुत ख़ास दिन होता है, बाल दिवस बच्चों को समर्पित किया गया है इस दिन सभी स्कूल कॉलेजों में समारोह आयोजन किया जाता है इस दिन को बच्चे त्यौहार के तरह मनाते है शिक्षक बच्चों को,
इस दिन का महत्व समझाते है और इस दिन को बच्चों के लिए खासकर गीत, poem, नृत्य का प्रोग्राम होता है। इस तरह यह मनाया जाता है।
आप अगर इन आयोजन में भाग ले रहे है तो यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी होने वाली है इसमें आपको कई सारे अच्छे बाल दिवस पर कविताएं देखने को मिलेगी जो कि प्रसिद्ध लेखकों द्वारा लिखा हुआ है, तो चलिए जानते है –
Poem On Children Day In Hindi
ये सभी कविताये हमने इंटरनेट पर से एवं सोशल साइट से कलेक्ट की है ये हमारे द्वारा लिखी गयी नहीं है इन कविताओं को कवियों के द्वारा लिखा गया है इसलिए मै आभारी हु उन सभी कवियों के लिए जिन्होंने बेहतरीन कविताओं को लिखा है।
आता हैं हर वर्ष ये दिन
आता हैं हर वर्ष ये दिन
झूमे नाचे बच्चे संग-संग
देते चाचा नेहरु को श्रद्धांजलि हम
थे यह देश के पहले प्रधानमंत्री
करते थे बच्चों से प्यार
हर जयंती पर होता बच्चो का सत्कार
कच्ची मिट्टी हैं बच्चो का आकार
सच्चे साँचे में ढले यही हैं दरकार
ना हो अन्याय से भरा इनका जीवन
प्रतिज्ञा करो न करोगे बाल शोषण
नन्ही सी कलि हैं ये
भारत का खिलता कमल हैं ये
बाल दिवस पर हैं इन्हें सिखाना
जीवन अनमोल हैं यूँही ना गँवाना
देश के भविष्य हो तुम
शक्तिशाली युग की ताकत हो तुम
“जय हिन्द जय भारत”
राष्ट्रवाटिका के पुष्पों में
राष्ट्रवाटिका के पुष्पों में,
एक जवाहरलाल।
जन्म लिया जिस दिन लाल ने,
दिवस कहाया बाल॥
बच्चे इनको सदा प्यार से,
चाचा नेहरू कहते।
चाचाजी इन बच्चों के बीच,
बच्चे बनकर रहते॥
एक गुलाब ही सब पुष्पों में,
इनको लगता प्यारा।
भारत मां का लाल यह,
सबसे ही था न्यारा॥
सारे जग को पाठ पढ़ाया,
शांति और अमन का।
भारत मां का मान बढ़ाया,
था यह ऐसा लाल चमन का॥
बाल-दिवस है आज साथियो
बाल-दिवस है आज साथियो, आओ खेलें खेल ।
जगह-जगह पर मची हुई खुशियों का सेलाब ।
जन्म,दिंनाक चाचा नेहरू की फिर आई है आज |
उन जैसे नेता पर सारे भारत को है सान ।
वह दिल से भोले थे इतने, जितने हम नादान,
बूढ़े होने पर भी मन से वे थे सदा जवान ।
हम उनसे सीखे मुसकाना, सारे संकट झेल ।
हम सब मिलकर क्यों न रचाए ऐमा सुख संसार
भाई-भाई जहां सभी हों, रहे छलकता प्यार ।
नही घृणा हो किसी हृदय में, नहीं द्वेष का वास,
आँखों में आँसू न कहीं हों, हो अधरों पर हास ।
झगडे नही परस्पर कोई, हो आपस में मेल ।
पडे जरूरत अगर, पहन ले हम वीरों का वेश,
प्राणों से भी बढ़कर प्यारा हमको रहे स्वदेश ।
मातृभूमि की आजादी हित हो जाएं बलिदान,
मिट्टी मे मिलकर भी माँ की रखे ऊंची शान ।
दुश्मन के दिल को दहला दें, डाल नाक-नकेल ।
बाल दिवस है आज साथियो, आओ खेलें खेल ।
देखो बाल दिवस का दिन आया है
देखो बाल दिवस का दिन आया है,
बच्चों के लिए खुशियां लाया है।
आओ मिलकर सब इसे मनाए,
लोगों को बाल अधिकारों की बात बताएं।
सब तक यह संदेश पहुंचा कर,
देश को और भी खुशहाल बनाएं।
14 नवंबर को आता है यह दिन,
जो है चाचा नेहरू का जन्मदिन।
जिन्होंने सबको शांति का मार्ग दिखाया,
विश्व को शांति का पाठ पढ़ाया।
बाल अधिकारों को समर्पित है यह दिन,
जिसके लिए हमें काम करना है हर दिन।
आओ मिलकर लोगों तक यह संदेश पहुंचाएं,
लोगों में बाल अधिकारों की ललक जगाएं।
क्योंकि देश तभी खुशहाल बनेगा,
जब बच्चा-बच्चा अपना अधिकार जानेगा।।
प्यारे बच्चे गर खिले
प्यारे बच्चे गर खिले, कोमल कुसुम समान
ये खिल जाए तो महके, सारा हिंदुस्तान।।
इस मासूम सूरत में, फूलों सी मुस्कान
रूठे और माने पल में, करे नहीं अभिमान।।
मधुर तोतली बोल पर, फिदा सब की जान
इनके निश्छल भाव पर, ईश्वर भी कुर्बान।।
बच्चे सब सच्चे लगे, वो अमूल्य वरदान
जो आगे चलकर रखे, देश-धर्म का मान।।
भाग्य विधाता देश के, ये भारत की शान
ये खिल जाए तो महके, सारा हिंदुस्तान।।
बच्चे होते हैं कितने प्यारे
बच्चे होते हैं कितने प्यारे,
प्यारी होती इनकी मुस्कान
सब करते हैं प्यार इनको,
यह होते हैं बहुत शैतान।।
बच्चों का मन होता निर्मल पावन
यह होते आफत की दुकान
भोली सी इनकी मुस्कान
बच्चे होते हैं शैतान।।
कितनी सच्चाई होती बच्चों में
छल कपट से होते अनजान
प्यारा सा यह बचपन इनका
सदा रहे खुशहाल मुस्कान।।
बाल दिवस मनाएं
देखो कैसे बच्चे ईंटें ढो रहे हैं,
कोने में खड़े अपने दुखों पर रो रहे हैं।
इस तरह से कैसे बाल दिवस मनाएं,
आओ सब मिलकर इस विषय पर सतर्कता लाएं।
लोगों में बाल अधिकारों की जागरुकता जगाएं,
देश में तरक्की का पैगाम लाएं।
बाल मजदूरी के खिलाफ आवाज उठाओ,
जन-जन तक यह बात पहुंचाओ।
जब हर व्यक्ति बाल दिवस का महत्व समझेगा,
बाल कुरुतियों से लड़ने हेतु आगे आयेगा
तभी बच्चे को उसका अधिकार मिलेगा।
आओ मिलकर इस ओर कदम बढ़ाएं।
बाल मजदूरी के खिलाफ आवाज उठाएं,
लोगों तक बाल दिवस का पैगाम पहुचाएं।
और सार्थक रुप से यह बाल दिवस मनाएं।।
वो यारों की यारी में सब भूल जाना
वो यारों की यारी में सब भूल जाना
और डंडे से गिल्ली को दूर उड़ाना
वो होमवर्क से जी चुराना
और टीचर के पूछने पर बहाने बनाना
मुश्किल है बचपन को भुलाना
वो एग्जाम में रट्टे लगाना,
फिर रिजल्ट के डर से घबराना!
वो दोस्तों के साथ साईकिल चलाना!
वो छोटी-छोटी बातो पर रूठ जाना
मुश्किल है बचपन को भुलाना
नेहरू चाचा तुम्हें सलाम
नेहरू चाचा तुम्हें सलाम
अमन-शांति का दे पैगाम
जग को जंग से बचाया
हम बच्चों को भी मनाया
जन्मदिवस बच्चों के नाम
नेहरू चाचा तुम्हें सलाम
देश को दी हैं योजनाएं
लोहा और इस्पात बनाए
बांध बने बिजली निकाली
नहरों से खेतों में हरियाली
प्रगति का दिया इनाम
नेहरू चाचा तुम्हें प्रणाम..
~ प्रभात
थी बड़ी सोच मौलिक सपने
थी बड़ी सोच मौलिक सपने
बच्चों के प्यारे चाचा के
जिनको नेहरू जी कहते हैं
भारत के वीर जवाहर के
नेहरू चाचा का जन्मदिवस
इसलिये तो देश मनाता है
यह तिथि नवंबर चौदह का
दिन बाल दिवस कहलाता है।
बच्चो हम आज बताते हैं
यह बाल दिवस क्या होता
यह बाल दिवस क्यों होता..
Poem On Children’s Day In Hindi
बचपन है ऐसा खजाना
बचपन है ऐसा खजाना
आता है न जो दोबारा
मुश्किल है इसको भुलाना
वो खेलना, कूदना और खाना,
मोज मस्ती में बलखाना!
वो माँ की ममता, वो पापा का दुलार,
भुलाए ना भूले, वो सावन की फुहार!
मुश्किल है इसको भुलाना…..
वो कागज की नाव बनाना
वो बारिश में खुद को भीगना!
वो झूले झुलना और मुस्काना,
वो पतंगों का उड़ना उड़ना!
मुश्किल है इसको भुलाना…..
वो यारों की यारी में सब भूल जाना,
और डंडे से गिल्ली को दूर उड़ना!
वो होमवर्क से जी चुराना,
और टीचर के पूछने पर बहाने बनाना!
मुश्किल है इसको भुलाना….
वो एग्जाम में रटते लगाना,
फिर रिजल्ट के डर से घबराना!
वो दोस्तों के साथ साईकिल चलाना
वो छोटी-छोटी बातो पर रूठ जाना
मुश्किल है इसको भुलाना….
वो माँ का प्यार से मनाना
वो पापा के साथ घुमने जाना
और पिज्जा और बर्गर खाना
याद आता है अब वो जमाना,
बचपन है ऐसा खजाना,
मुश्किल है इसको भुलाना…
स्वतंत्रता के सैनानी थे
स्वतंत्रता के सैनानी थे!
अचकन में फूल लगाते थे,
हमेशा ही मुस्काते थे!
बच्चो से प्यार जताते थे!
चाचा नेहरु प्यारे थे!
देश विदेश यह घूमते थे,
बहुत सारी जानकारी प्राप्त करते थे,
फिर भी अपने देश से यह प्यार करते थे!
चाचा नेहरु राजकुमारे थे!
बच्चे इनको सदा प्यार से,
चाचा नेहरू कहते।
चाचाजी इन बच्चों के बीच,
बच्चे बनकर रहते है॥
एक गुलाब ही सब पुष्पों में,
इनको लगता प्यारा।
भारत मां का लाल यह,
सबसे ही था न्यारा॥
सारे जग को पाठ पढ़ाया,
शांति और अमन का।
भारत मां का मान बढ़ाया,
था यह ऐसा लाल चमन का॥
बाल दिवस क्या होता है
बाल दिवस क्या होता है,
पूछता है इक बाल श्रमिक,
अपने बाल श्रमिक दोस्त से,
सुना है
इस दिन बच्चे करते खूब धमाल,
बच्चों को किया जाता माला माल।
नेता दावें करते
बच्चों की जाएगी देखभाल।
हर बच्चा पढ़े लिखेगा,
सब की होगी सम्भाल।
आगे से दूसरा बाल श्रमिक बोला,
हमारा तो किसी को नही ख्याल,
मालिक हमें करते हैं हलाल,
बंद रहते फैक्टरी में सारा साल।
आगे से उसने बोला
भाई तुम करते हो कमाल,
यहाँ अधिकतर समाज सेवी,
कर्मचारी,अधिकारी
नेताओं के दलाल।
जो पी जाते हमारा सारा माल,
सिर्फ कागजों में बजती खड़ताल।
वो बच्चों के नाम पे खाते मुर्ग मसल्म,
बच्चों को नसीब नही होती रोटी दाल।
बेशक बाल श्रमिक का सही है सवाल,
बाल दिवस मनाते हर साल,
पर गरीब बच्चों का फिर भी वही हाल।
ऐ मेरे देश के ठेकेदारों
बाल दिवस को सार्थक बनाओ,
हर बच्चें को उसका हक़ दिलाओ।
ये बच्चे ही देश का भविष्य हैं।
“जय हिन्द”
कितनी प्यारी दुनिया इनकी
कितनी प्यारी दुनिया इनकी,
कितनी मृदु मुस्कान।
बच्चों के मन में बसते हैं,
सदा, स्वयं भगवान।
एक बार नेहरू चाचा ने,
बच्चों को दुलराया।
किलकारी भर हंसा जोर से,
जैसे हाथ उठाया।
नेहरूजी भी उसी तरह,
बच्चे-सा बन करके।
रहे खिलाते बड़ी देर तक
जैसे खुद खो करके।
बच्चों में दिखता भारत का,
उज्ज्वल स्वर्ण विहान।
बच्चे मन में बसते हैं,
सदा स्वयं भगवान।
बच्चे यदि संस्कार पा गए,
देश सबल यह होगा।
बच्चों की प्रश्नावलियों से,
हर सवाल हल होगा।
बच्चे गा सकते हैं जग में,
अपना गौरव गान।
बच्चे के मन में बसते हैं,
सदा स्वयं भगवान।
भूले नहीं आज भी वो दिन
भूले नहीं आज भी वो दिन,
जब रोज सुबह स्कूल जाया करते थे।
कैसे बीत गया वो समय,
जब हम भी बच्चे कहलाते थे।
न थी घर कि चिंता,
न दुनिया से हम डरते थे।
कितने अच्छे थे वो दिन,
जब रोज दोस्तों से हम मिलते थे।
स्कूल पहुंच कर हम यारों संग,
खूब ऊधम मचाते थे।
लेकिन जब हो पढ़ने कि बारी,
तो अव्वल नंबर भी लाया करते थे।
होम-वर्क करना किसे पसंद था,
उससे सब जी चुराया करते थे।
पकड़ लिया टीचर ने अगर,
तो सब पेट दर्द का बहाना ही करते थे।
कितनी सच्चाई होती बच्चों में,
न होती छल-कपट किसी के मन में।
वो उनकी मासूमियत ही थी जो,
चाचा नेहरू को भी अपने से लगते थे।
14 नवम्बर को जन्मे थे नेहरू,
पर उन्होंने एक ऐलान किया।
कि हर वर्ष मनाया जाएगा बाल दिवस,
और 14 नवम्बर को बच्चों के नाम किया।
बच्चों संग था उनका स्नेह अधिक,
जो सब चाचा नेहरू उन्हें बुलाते थे।
और इस तरह तब से लेकर हम,
हर वर्ष बाल दिवस मनाते हैं।
~ कनक मिश्रा
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conclusion
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